मंगलवार, जून 30, 2009

फिर से स्कूल खुल गये

गीत

धुले धुले मुखड़े, उजली उजली पोषाकें
राहों में रंग घुल गये
फिर से स्कूल खुल गये

रास्ते गये चहक चहक
भोली सी फुदकती महक
मैदानों के सोये दिल
आज फिर उछल उछल गये
फिर से स्कूल खुल गये

किलकारी मोद भर गयी
कक्षा की गोद भर गयी
सन्नाटा भाग गया जब
कानों में शोर गुल गये
फिर से स्कूल खुल गये

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629

मंगलवार, जून 16, 2009

मेरा साठवां जन्म दिन

मेरा ६० वां जन्म दिन १२ जून को मेरा ६० वां जन्म दिन था जिसे मेरे मित्रों ने धूमधाम से मनाया . व्यंग्य लेखक एवं वरिष्ठ आई ऐ एस अधिकारी ज़ब्बार ढाकवाला सुप्रसिद्ध कथा लेखिका उर्मिला शिरीष और प्रगति लेखक संघ के कार्यकारी महासचिव शैलेन्द्र कुमार शैली ने योजना बनाई और पत्रिका राग भोपाली का एक अंक मेरे ऊपर प्रकाशित किया. इस पत्रिका का विमोचन समारोह मेरे जन्म दिन पर ही आयोजित किया गया . पत्रिका का विमोचन वरिष्ठ लेखक अक्षय कुमार जैन द्बारा किया गया तथा मुझ से भी कुछ रचनाएँ सुनाने को कहा गया. इस अवसर पर भोपाल के सभी प्रमुख साहित्यकार उपस्थित हुए जिनमें राजेश जोशी, कमला प्रसाद, राम प्रकाश त्रिपाठी, मनोहर वर्मा, मुकेश वर्मा , माणिक वर्मा , ज्ञान चतुर्वेदी, मनोज कुलकर्णी ,बलराम गुमास्ता फिरोजा अशरफअनवारे इस्लाम, बादल सरोज दिल्ली से आये हुए गौरी नाथ, किशन कालजयी, हेतु भारद्वाज, आदि सौ से अधिक लोग उपस्थित थे. में सबका आभारी हूँ क्योंकि सबने मुझे धैर्य पूर्वक सुना. यह सबकुछ अनायास हुआ और बहुत सफल माना गया

शुक्रवार, जून 12, 2009

सठियाने का दिन

आज में प्रमाणपत्र के साथ सठिया गया हूँ , सुबह से सहानिभूति के फोन आ रहे हैं और में उन्हें जल्दी ही सेम टु यू की शुभकामनाएं लौटा रहा हूँ