रविवार, मई 30, 2010

एक गज़ल नुमा रचना बस्ती के लोग खेलेते पत्थर उछाल कर्


एक गज़लनुमा रचना
बस्ती के लोग खेलते पत्थर उछाल कर
वीरेन्द्र जैन


लगते हैं आम जब भी दरख्तों में डाल पर
बस्ती के लोग खेलते पत्थर उछाल कर

जैसा सिखाओगे उसे वैसा ही करेगा
बच्चा डरा रहा हमें आँखें निकाल कर

चिड़ियाघरों में देखूं कहाँ यह सवाल है
हिरनी सी आँख मुग्ध है हिरनी की चाल पर

जिस जिस ने जो जो पूछा सो उत्तर उन्हें मिले
उठ कर चले गये हैं हमारे सवाल पर

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629

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