एक गज़लनुमा रचना
बस्ती के लोग खेलते पत्थर उछाल कर
वीरेन्द्र जैन
लगते हैं आम जब भी दरख्तों में डाल पर
बस्ती के लोग खेलते पत्थर उछाल कर
जैसा सिखाओगे उसे वैसा ही करेगा
बच्चा डरा रहा हमें आँखें निकाल कर
चिड़ियाघरों में देखूं कहाँ यह सवाल है
हिरनी सी आँख मुग्ध है हिरनी की चाल पर
जिस जिस ने जो जो पूछा सो उत्तर उन्हें मिले
उठ कर चले गये हैं हमारे सवाल पर
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629
बस्ती के लोग खेलते पत्थर उछाल कर
वीरेन्द्र जैन
लगते हैं आम जब भी दरख्तों में डाल पर
बस्ती के लोग खेलते पत्थर उछाल कर
जैसा सिखाओगे उसे वैसा ही करेगा
बच्चा डरा रहा हमें आँखें निकाल कर
चिड़ियाघरों में देखूं कहाँ यह सवाल है
हिरनी सी आँख मुग्ध है हिरनी की चाल पर
जिस जिस ने जो जो पूछा सो उत्तर उन्हें मिले
उठ कर चले गये हैं हमारे सवाल पर
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629
जिस जिस ने जो जो पूछा सो उत्तर उन्हें मिले
जवाब देंहटाएंउठ कर चले गये हैं हमारे सवाल पर
- आपने मुद्दे की बात पर सवाल कर दिया. इसी लिए उठ कर चले गए
waah bahut khoob
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव
जवाब देंहटाएं