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शुक्रवार, जून 12, 2009
सठियाने का दिन
आज में प्रमाणपत्र के साथ सठिया गया हूँ , सुबह से सहानिभूति के फोन आ रहे हैं और में उन्हें जल्दी ही सेम टु यू की शुभकामनाएं लौटा रहा हूँ
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मेरे बारे में
वीरेन्द्र जैन
में एक लेखक और पत्रकार हूँ जिसने पत्रकारिता के लिए बैंक की सेवाओं से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ली है .में एक फीचर एजेन्सी के माध्यम से हिंदी के सभी समाचार पत्रों के लिए लिखता हूँ व साहित्यिक पत्रिकाओं के लिए व्यंग्य लिखता हूँ
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