कुछ अहसान साथ ले जाना
वीरेन्द्र जैन
सबके कर्ज़ चुका मत देना
कुछ अहसान साथ ले जाना
कभी बुआ ने करी गुदगुदी
चाचाजी ने खूब हँसाया
दादाजी ने घोड़ा बन कर
कभी पीठ पर तुम्हें बिठाया
इस उधार पर चलती दुनियाँ
ऐसे दान साथ ले जाना
सबके कर्ज़ चुका मत देना
कुछ अहसान साथ ले जाना
बिजली छूने वाले थे जब
बड़े भाई ने जड़े तमाचे
दोस्त तुम्हारी शादी में जब
दिल की गहराई से नाचे
मुर्दा होकर मत मर जाना
थोड़ी जान साथ ले जाना
सब के कर्ज़ चुका मत देना
कुछ अहसान साथ ले जाना
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629
बुधवार, मार्च 03, 2010
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virender ji dil ko chhoo gai, dil ko bha gai aapki ye rachna, bahut bahut badhaai.
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुन्दर .....दिल को छुं गया !
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