बुधवार, अप्रैल 07, 2010

गीत- ठीक नहीं लगता

गीत
ठीक नहीं लगता
वीरेन्द्र जैन


पीसा सारी रात मगर बारीक नहीं लगता
जाने कैसा कैसा लगता ठीक नहीं लगता

जीवन की गाड़ी कुछ भारी भारी चलती है
ऐसे चलती है जैसे लाचारी चलती है
जो दिल में बैठा वो भी नजदीक नहीं लगता
जाने कैसा कैसा लगता ठीक नहीं लगता

ना 'हां' लिक्खा, ना 'ना' लिक्खा, मेरी अर्जी पर
सारा आगत रुका हुआ है , उनकी मर्जी पर
सुर में बजता जीवन का संगीत नहीं लगता
जाने कैसा कैसा लगता ठीक नहीं लगता

वीरेन्द्र जैन
2\1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629

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